कितनी मुश्किल से गढ़ी होगी यह दुनिया माइकेल एंजिलो, पाब्लो पिकासो नंदलाल बोस और सल्वाडोर डाली ने? कितनी तेजी से उड़ते जा रहे हैं रंग यहाँ? कितनी तेजी से छाता जा रहा है एक भयावह काला रंग समूचे दृश्य पर
हिंदी समय में नरेंद्र जैन की रचनाएँ
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